Love stories, best love stories in hindi Heart touching love stories सुधीर और सुनीता की

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    नमस्ते दोस्तों, the motivation world मे आप सभी का स्वागत है। आज की हमारी Heart touching love story सुधीर और सुनीता की है। 

     बात उन दिनों की है जब सुधीर और सुनीता कॉलेज जाया करते थे। वे दोनों फर्स्ट टाइम तब मिले थे जब कॉलेज के कुछ सीनियर लड़के सुनीता और उसकी सहेलियो की रैगिंग कर रहे थे। वे सभी लड़के सुनीता को सिगरेट पिलाने के लिए फोर्स कर रहे थे। तभी सुधीर का एंट्री होता है। सुधीर सुनीता को देखकर मदहोश हो जाता है। सुनीता है हि थी इतनी खूबसूरत,सुशील और भोली भाली। सुधीर उन लड़कों को देखकर गुस्सा हो गया, और दोनों मे हाथापाई हो गया। 

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     कुछ देर बाद वंहा प्रिंसिपल आया और सारे मामले को रफा दफा किया। इधर सुधीर को सुनीता से अट्रैक्शन या यू कहे प्यार सा हो गया था। सुनीता भी कुछ कम न थी। सुनीता ने सुधीर को थैन्क्स बोली और वंहा से निकल गई। 

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     कॉलेज से छुटने के बाद सुधीर ने कॉफी पीने के बहाने सुनीता से बात करना शुरू कर दिया। उन दोनों मे दोस्ती हो गई। अब दोनों साथ साथ पड़ते, टहलते और काफी कुछ करते। देखते देखते उन दोनों की दोस्ती प्यार मे बदल गई पता हि नहीं चला। 

     सुधीर का कोई भी नहीं था। वे एक अनाथ बच्चों की तरह ही बड़ा हुआ था। सुनीता को डर छाई हुई थी कि कंही उसके पापा सुधीर से अपनी सादी के लिए मना न कर दे। फिर भी सुधीर अपनी सुनीता से सादी करने के लिए उसके पापा से बात चित करा और अपने बारे मे भी सब कुछ बताया। सुनीता के पापा सादी के लिए मान गया। 


     उन दोनों की धुम धाम से सादी हुई। सुधीर अपनी पत्नी सुनीता से खूब प्यार करता था। उन्हें पलकों पर बिठा कर रखता था। कुछ दिन बाद सुनीता का खूबसूरत चेहरा ढलने लगी। उसे पता चला कि उन्हें चर्मरोग है। जिसके कारण हि उसकी पूरा शरीर ढलने लगा था। 

     सुनीता मन ही मन सोचने लगी कि कहीं मेरे इस चेहरे को देखकर सुधीर मुझे छोड़ तो नहीं देगा या फिर प्यार करना बंद कर देगा। तभी उसको हॉस्पिटल से कॉल आता है कि सुधीर सिटी हॉस्पिटल मे एडमिट है। सुनीता घबरा जाती है और वे तुरंत हॉस्पिटल पहुचती है। 

     सुनीता को बताते है कि उसके पति सुधीर का रोड एक्सीडेन्ट हो गया है जिनसे उसकी आँखो की रोशनी चली गई है। अब सुधीर कभी भी देख नहीं पायेगा। सुनीता का चेहरा और भी खराब दिखने लगा। इधर सुधीर सुनीता से पहले की तरह ही प्यार करता था।  सुनीता भी अब सुधीर देख नहीं पाता हैं यही समझ रही थी। वे भी सुधीर से बेहत प्यार करती तथा अपने से दूर नहीं होने देती। 

     कुछ दिन बाद सुनीता की बीमारी और भी गहरी हो गई जिनसे उनकी मृत्यु हो गई। अब इधर सुधीर भी अकेला पड़ गया वह उस जगह को छोड़कर कहीं दूर जाने के लिए इंतजाम कर रहा था की अचानक उसके पड़ोसी पूछ लिया की अब तुम्हारी देखरेख कौन करेगा? तुम तो अंधे हो!

     सुधीर उसे कहते हैं की मैं अंधा नहीं हूं मैं तो सिर्फ अंधा होने का नाटक कर रहा था जिससे मेरी पत्नी को यह ना लगे की मैं उसके शरीर की वजह से दूर ना हो जाऊं तथा उनके प्यार में कोई कमी ना आए। 

      दोस्तों आपको यह love stories कैसी लगी नीचे कमेंट जरूर करें। 

      धन्यावाद। 

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