New motivation short story in hindi मौका चूक मत जाना by Motivationalwords.
किसी ने बहुत हि बढ़िया बात कहीं है कि हर सुबह अवसर आपके दरवाजा खटखटाएंगी लेकिन तुम सोते रह गए तो धिरे से निकल जाएगी। ऐसी हि एक कहानी है एक लड़के की। वह लड़का पेट्रोल पंप पर काम किया करते थे। उसके भी कई सारे सपने थे। उनके यहाँँ कई सारी महगी गाड़ी पेट्रोल,डिजल भरवाने के लिए आते थे। उसको देखकर उसके मन मे हलचल होता था। कि कब मेरे पास भी महंगी बड़ी गाड़ी होगा? कब मैं भी बड़ा आदमी बनूँगा ? और ना जाने ऐसे हि कई सारे सवाल उसके माइंड मे चलते रहते थे। एक दिन उसके दुकान पर एकदम महंगी खूबसूरत कार आया उसके अंदर बैठा व्यक्ति उस लड़के से डीजल डालने के लिए बोला।लड़के ने इतनी महंगी कार आस-पास या यू कहे तो कभी नहीं देखा था। वह लड़का इतनी सूंदर महंगी कार को देखकर हक्का बक्का हो गया उसके मुँह से शब्द हि नहीं निकल पा रहा था। फिर भी उस लड़के ने हकलाते हुए उस व्यक्ति से पूछ हि लिया कि यह गाड़ी आपके पास कैसे आई? उस व्यक्ति ने मुस्काते हुए बोला- देखो भाई मैं एक बिजनेस मेन हूँ। यह कार 80 लाख की है, मुझे इस मुकाम को हासिल करने मे खूब मेहनत करनी पड़ी, कई सालो तक की मेहनत के बाद इस पोजीशन पर पहुंचा हूँ। फिर उसने पैसे देते हुए आगे बोला - तुम भी इस मुकाम तक पहुँच जाओगे! लड़के ने पूछा - कैसे? मैं तुम्हें इस मुकाम तक लेकर आऊंगा अभी मुझे देर हो रहा है तुम मेरा ये विजिटिंग कार्ड ले लो बाद मे मेरे इस नंबर पर कॉल करना, मैं तुम्हें सब कुछ बता दूँगा। लड़के ने वो कार्ड ले लिया। उस व्यक्ति के चलें जाने के बाद वह लड़का सोचता हि रहा कि क्या यह व्यक्ति सही कह रहा है या नहीं या फिर मेरे से कोई गलत काम कराएगा तो नहीं इतनी जल्दी कोई बड़ा अमीर आदमी कैसे बन सकता है, ऐसे ही न जाने उसके मन मे ढेरों विचार आ रहे थे। दिन भर इसी बारे मे सोचते रहे, घर जाने का भी समय हो गया, तभी वहीं पास पड़े डस्टबीन मे, क्या यार ऐसा कुछ भी होने वाला नही है,अपन तो इसी कम मे खुश है कहते हुए विजिटिंग कार्ड को फाड़ कर डाल दिया। उसका काम ऐसे हि चलने लगा देखते देखते 5 साल गुजर गया। एक दिन वैसे ही कार फिर उसके दुकान पर आकर खड़ा हुई। उसके मन में ढेर सारी वैसे ही विचारे आती रही। लड़के ने उससे पूछ ही लिया कि यह कार आपके पास कैसे आई? कार के अंदर बैठा व्यक्ति बोला आप यह क्या कह रहे हो भाई मैं तो यही बगल में झाड़ू लगाने साफ सफाई करने का काम किया करता था। आपने उस व्यक्ति से विजिटिंग कार्ड लिया था पता नहीं आपने क्या सोच कर उसे डस्टबिन में डाल दिया मैंने इस अवसर को अपने हाथ से जाने नहीं दिया, मैंने बड़ी मेहनत से फटे हुए विजिटिंग कार्ड के टुकड़ों को जोड़ा और उस नंबर पर कॉल किया उसी व्यक्ति ने मुझे काम पर रख लिया। धीरे धीरे मैं सभी कार्य को सीखता गया मेरे स्किल बढ़ता गया वह व्यक्ति मुझे हर काम मे कुशल बनाने के लिए सारे दांव-पेन्च सीखाता, मैं भी मेहनत से काम करता, मुझे आगे की पद के लिए प्रमोसन मिलता रहा। देखते देखते मैं इन पाँच सालो मे काफी कुछ हासिल कर लिया, यह वहीं 80 लाख वाली कार है, इसे मैंने बस अभी दो महीने पहले हि ख़रीदा है, ऐसा कहते मुस्कुराते हुए वे वंहा से चला गया।
दोस्तों हमें भी बहुत से अवसर मिलते है लेकिन हम उन अवसरो को पहचान नहीं पाते क्योंकि हम दूसरे के बहकावे मे आ जाते है या फिर खुद से ही बहाने बनाते रहते है इसी चक्कर मे हम कुछ भी नहीं कर पाते है। दोस्तों आपको इस कहानी से क्या सिख मिलती है हमें नीचे कमेंट जरूर करें।
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