मुर्गी के अक्ल ठिकाने short moral story in hindi.

 

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     मुर्गा की अकल ठिकाने :-  बहुत समय पहले की बात है एक गांव में बहुत सारी मुर्गियां रहती थी। इनमें से एक मुर्गी बहुत ही खूबसूरत दिखती थी। श्यामू उस मुर्गी को बहुत खूब तंग किया करता था। मुर्गी उससे हमेशा परेशान रहती थी। एक दिन उसने सोची क्यों ना मैं सुबह बाक् ना दूं, चुप ही रहुं जिससे कोई भी सवेरे जल्दी न उठ पाए और मेरी अहमियत समझे। लेकिन अगली सुबह ही सभी जिस समय पर उठते थे, आज भी उठ गया और अपने कार्य पर लग गया। अब मुर्गी को समझ में आ गई थी, कि कोई भी काम उसके बिना नहीं रुकेगी, सुचारू रूप से चलती रहेगी।

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