Kahaniyan hindi kahaniyan लोमड़ी और सारस की Panchtantra ki kahaniyan
शायद आपने लोमड़ी और सारस की कहानी अवश्य सुनी होगी। यह कहानी हमें बहुत सीख देती हैं। यह एक छोटी सी कहानी है लोमड़ी और सारस की। अतः कहानी अंत तक अवश्य पढ़ना।
एक समय की बात है, जब लोमड़ी ने अपने दोस्त सारस को भोजन के लिए निमंत्रण दिया था। जब सारस अपने दोस्त लोमड़ी के यहां पहुंचता है। तब लोमड़ी सारस का मजाक उड़ाते हुए उसे एक थाली में शुप परोस दिया।
सारस भूखा पेट ही वापस घर लौट आया।
एक दिन सारस भी लोमड़ी को भोजन के लिए आमंत्रित किया। सारस ने लोमड़ी को छोटी मुंह वाली सुराही में भोजन परोसा। लेकिन लोमड़ी का मुंह तो उस सुराही में घुसा ही नहीं।
इधर सारस का चोच लंबे होने के कारण वे आराम से भोजन कर रहे थे। लोमड़ी खाना खाने की कोशिश अनेक बार की, लेकिन हर बार वे असफल हो जाते थे।
तभी सारस बोला :- क्या हुआ भाई लोमड़ी? मैंने तो आप ही के पसंद का मांस बनाया है। क्या तुम्हें यह यह अच्छा नहीं लग रहा है?
लोमड़ी को अपनी गलती का एहसास हो जाता है और वे शर्मिंदा होकर घर वापस लौट जाते हैं।
दोस्तों हमें किसी का भी ज्यादा मजाक नहीं बनाना चाहिए क्योंकि वह भी हमारे साथ कुछ न कुछ गलत या बदला लेने के लिए बैठा रहता है। जैसे को तैसा इसी को कहते है। आप का क्या कहना है?
कहानी अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद।
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