New Hindi kahaniyan संत और बिछु की। आप अपना स्वभाव ना बदले एक Motivational stories in hindi.
New Hindi kahaniyan संत और बिछु की। आप अपना स्वभाव ना बदले एक Motivational stories in hindi.
दोस्तों आप जानते ही होंगे कि एक बिच्छू का स्वभाव कैसा रहता है? और एक संत का कैसा रहता है?
यह कहानी एक जीवन में बहुत बड़ा सीख देने वाली है। अतः इसे अंत तक अवश्य पढ़ना।
बिच्छू जो स्वभाव से उग्र होता है। वह सदैव दूसरों को नुकसान पहुंचाता है और एक साधु जो स्वभाव से शांत होते हैं। वह सदैव दूसरों का कल्याण करते रहते हैं।
यह बात बरसात की समय की है। जब एक बिच्छू एक नाले में बह रहा था। संत बिच्छू को बहता देख, उसे बचाने के लिए गया। संत जी अपने हाथों से बिच्छू को निकाल रहा था तभी बिच्छू अपने स्वभाव के अनुसार संत जी को डंक मार कर फिर से नाले में गिर गया।
संत जी दुबारा बिच्छू को निकालने की कोशिश की लेकिन इस बार भी बिच्छू ने डंक मार कर नीचे गिर गया। संत जी ऐसे ही तीन से चार बार और प्रयास करते रहे।
पास में ही वैद्यराज जी का कुटिया था। वह संत को देखते ही आया और बिच्छू को डंडे के सहारे दूर फेंक दिया।
वैद्यराज संत जी से कहते हैं :- आप जानते ही हैं कि बिच्छू का स्वभाव सदैव नुकसान पहुंचाने का होते हैं। फिर भी आपने बिच्छू को अपने हाथों से बचाया। आपने ऐसा क्यों किया?
संजीव कहते हैं :- जब बिच्छू अपना स्वभाव नहीं बदल सकता, तो मैं कैसे अपना स्वभाव बदल सकता हूं? यह कहते हुए संत खुश रहता है। उसके चेहरे मे तनिक भी गुस्सा नहीं रहता हैं।
दोस्तों आप भी चाहे कितना भी विकल परिस्थिति आये आप अपना स्वाभाव ना बदले।
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