अकबर और बीरबल मजेदार कहानी हिंदी मे। बीरबल की चतुराई के किस्से और बीरबल की बुध्दि
Akbar birbal story in hindi
अकबर और बीरबल मजेदार कहानी हिंदी मे। बीरबल की चतुराई के किस्से और बीरबल की बुध्दि
Akbar birbal story in hindi
आपने तो अनेक ही बीरबल की चतुराई के किस्से सुने होंगे। बीरबल की बुध्दि बहुत हि तेज थी। ऐसा हमें कई कहानियो मे सुनने को मिलता है। ऐसे हि अकबर और बीरबल की मजेदार कहानी लेकर आया हूँ। अंत तक जरूर पढ़े।
अकबर और बीरबल मजेदार कहानी हिंदी मे। बीरबल की चतुराई के किस्से और बीरबल की बुध्दि
Akbar birbal story in hindi
अब भला मूर्खों की गिनती कौन कर सकता है। मूर्खों की संख्या असंख्य है। फिर भी एक कहानी ऐसी भी हैं जिसमें मूर्खों की गिनती होती हैं, वह हैं अकबर और बीरबल की। इसे आगे अवश्य पढ़ें
अकबर और बीरबल मजेदार कहानी हिंदी मे। बीरबल की चतुराई के किस्से और बीरबल की बुध्दि
Akbar birbal story in hindi
एक बार राजा अकबर के दरबार में मूर्खों की विषय पर चर्चा चल रहा था। ना जाने हमारे दरबार में कितने मूर्ख होंगे। फिर अकबर ने बीरबल को ऐसे चार मूर्खों को दरबार में पेश करने को कहा, जो मूर्खों के भी बाप हो। अब बीरबल भी क्या कर सकता था। राजा की आज्ञा पाकर चार मूर्खो की तलाश में निकल पड़ा।
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अकबर और बीरबल मजेदार कहानी हिंदी मे। बीरबल की चतुराई के किस्से और बीरबल की बुध्दि
बीरबल गांव की ओर जा रहे थे। रास्ते में एक युवक बहुत ही हंसते हुए गांव की ओर जा रहे थे। बिरबल उससे पूछा -: आप इतना क्यों हंस रहे हो भाई साहब? उसने बताया "मैं अपनी पत्नी की विवाह में जा रहा हूं और उनके लिए मिठाई भी लेकर जा रहा हूं। इसलिए मैं बहुत खुश हूं, कि आज शादी है।" बीरबल मन ही मन बोले। "भला इससे बड़ा मूर्ख कौन हो सकता है जो अपनी पत्नी की विवाह में मिठाई लेकर खुशी-खुशी जा रहे हो।"
अकबर और बीरबल मजेदार कहानी हिंदी मे। बीरबल की चतुराई के किस्से और बीरबल की बुध्दि
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एक मूर्ख मिल गया। बीरबल दूसरे मूर्ख की तलाश में ही था। कि अचानक उनकी नजर एक घोड़े पर सवार उस व्यक्ति पर पड़ाता है, जिसने लकड़ी के लट्ठे को अपनी सिर पर ही ढोए हुए थे। बीरबल उससे पूछता है -: "तुमने अपने सिर पर लट्ठे को क्यों रखे हो? उसे भी घोड़े पर ही रख दो।" वह व्यक्ति बीरबल से कहता है -: दरअसल यह एक घोडी है। जो मां बनने वाली है। मेरा ही वजन घोड़ी के लिए अत्यधिक है। लट्ठे का वजन कैसे सह सकती है। इसलिए मैंने वजन कम करने के लिए इसे अपने सिर पर ढोया हूँ । बीरबल को दूसरा मुर्ख भी मिल गया ।
अकबर और बीरबल मजेदार कहानी हिंदी मे। बीरबल की चतुराई के किस्से और बीरबल की बुध्दि
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बीरबल उन दोनों को दरबार में पेश किया। राजा अकबर उन दोनों को देखा। कहा -: "और बाकी के दो मूर्ख कहां है?" बीरबल कहता है। "बाकी के दो मूर्ख भी दरबार में ही मौजूद है। मैं एक एक कर सभी के विषय में बताता हूं। यह पहला मूर्ख है जो अपनी हि पत्नी की शादी में मिठाई लेकर खुशी-खुशी जा रहे थे। और यह दूसरा मूर्ख, जो गर्भवती घोड़ी के पीठ पर बैठकर लकड़ी के गट्टे को अपने सिर पर धो रहे थे। ताकि उसका वजन घोड़ी पर ना पड़े। दरबार उन दोनों की किस्सों को सुनकर ठहाके लगाकर हंसने लगे।
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अकबर बोले। "तीसरा मूर्ख कहां है बीरबल।" बीरबल सिर झुका कर कहता है। "आप महाराज" अकबर आश्चर्य में पड़ जाता है। "आप क्या कह रहे हैं बीरबल" अकबर से कहता है। जी महाराज, भला अच्छे भले काम को छोड़कर मूर्खो को ढूंढना यह मूर्खता नहीं तो क्या है महाराज। महाराज धीमे स्वर में बोले। "और चौथा मुर्ख।" बीरबल कहता है। "चौथा मूर्ख मैं स्वयं हूँ महाराज।" भला मूर्खो को ढूंढकर दरबार में पेश करना, ये मेरा मूर्खता ही तो है महाराज।"
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अकबर थोड़ा शांत हुए, फिर जोर-जोर से हंसने लगे। पूरा दरबार भी ठहाके लगाकर हंसने लगा। आशा करता हूं, कि आपकी होठों पर भी थोड़ी बहुत मुस्कान आया होगा।
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