आखिर कैसे पकड़ा? वो भी एक कुंआ चोर को। तेनाली रमन की मजेदार कहानियाँ। tenalirama ki kahaniyan
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दोस्तों तेनाली रमन की कहानी बहुत ही लोकप्रिय हैं। बच्चे इसे खूब पसंद किया करते हैं। दोस्तों मैं ऐसी ही बहुत सारे तेनाली रमन की कहानियों का संग्रह इस सीरीज में लाऊंगा। अतः आप हमारे साथ बने रहे।
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कुआं चोर और तेनाली रामा की चतुराई :-
यह बात उस समय की है जब विजयनगर राज्य में गर्मी के कारण पानी की कमी होने लगी थी। राजा कृष्णदेव राय अत्यधिक चिंता में रहने लगे। उन्होंने फौरन ही एक सभा बुलाई जिसमें पानी के विषय में चर्चा हुआ। खूब विचार-विमर्श के बाद राजा कृष्णदेव राय ने, अपने मंत्री को बहुत सारे धन दिए ताकि वह बहुत सारे कुंए का गांव में निर्माण करवा सके।
मंत्री ने यह काम बड़ा जोरो-शोरों से किया और कुएं के बन जाने के बाद राजा को खबर दी। राजा भी कुए की निरीक्षण के लिए गया। उन्होंने देखा, कि कुआं एकदम कुशल पूर्वक बना हुआ था। तथा उनमें लबालब पानी भरा हुआ भी था। राजा मंत्री को शाबाशी देकर राज्य वापस आ गया।
कुछ दिन बाद कुछ लोग उस राज्य में पहुंचे। जो राजा से मिलने के लिए दरबार में जाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन मंत्री तथा उनके सिपाही उन्हें अंदर जाने से रोक रहे थे। वे सभी इस बात से परेशान होकर तेनाली रमन के पास गया और अपनी परेशानी बताई।
गांव वालों ने बताया :- हमारे गांव में पानी की बहुत ही समस्या है। हम पानी के लिए तरस रहे हैं। कृपया आप इस विषय मे राजा से बात करें। जब हम महल मे जा रहे थे तब मंत्री और उसके सिपाही गण हमें अंदर जाने से रोक दिया।
तेनाली रमन उन सभी को आश्वासन देते हैं की वह राज्य से इस बारे में बात करेगा।
अगले दिन सभा में जब सभी लोग बैठे थे, तभी तेनाली रमन ने राजा से कहा :- महाराज! आपने जो गांवो मे कुआँ बनवाए थे उनकी चोरी हो गई है। किसी ने कुएं को चुरा लिए हैं।
राजा बोले :- यह आप क्या बोल रहे हो तेनाली रमन? भला कुए की चोरी कैसे हो सकती हैं। और कौन चुरा सकते हैं?
रमन :- मैं सत्य कह रहा हूं महाराज। कुंए की चोरी हो गई है। आप चाहे तो गांव वाले से भी बात कर सकते हैं। वह बाहर ही खड़े हैं।
राजा ने गांव वालों को दरबार में बुलाया। उनसे पूछते हैं।
सब गांव वाले बताते हैं :- महाराज हमारे गांव में कुंए की चोरी हो गई है। तथा पानी की समस्या हो रही है। कृपया इसकी निवारण करें।
राजा, तेनाली रमन और मंत्री गण गांव वालों के साथ उनके यहां निरीक्षण के लिए चले गए। जब राजा वहां पहुंचे। उन्होंने देखा कि वहां कुआँ का तो नामोनिशान ही नहीं है।
राजा समझ गए थे, कि यह मंत्री गण का ही काम है। अर्थात कुआं चोरी नहीं हुआ है, बल्कि मंत्री ने गद्दारी की है। वह केवल आस-पास के गांव में ही अच्छा कुएं का निर्माण कर बाकी के धन अपने जेब में रख लिया। और दूर वाले गांव को कुआँ से वंचित रखा।
राजा मंत्री को दंड स्वरूप कहते हैं :- तुम अपने धन से सभी गांव में सौ कुंए का निर्माण करोगे। तेनाली रमन की देखरेख में यह कार्य बहुत जल्द ही संपन्न हो गया। और सभी गांव वाली तेनाली रामा को धन्यवाद बोले।
यह रहा तेनालीराम की चतुराई यह कहानी आपको कैसा लगा हमें अवश्य बताएं तथा इसकी आने वाले अगला भाग भी अवश्य पढ़ना तब तक के लिए आप यह कहानी संग्रह पढ़ सकते हैं।
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